Top sidh kunjika Secrets
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम् ।
Salutations to your Goddess who's got the form of root chants Who via the chant “Intention” has the form of your creator Who with the chant “Hreem” has the shape of one who takes treatment of every little thing And who by more info the chant “Kleem” has the shape of passion
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
इति श्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वतीसंवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा॥
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
It is amazingly secretive – we really have to go deeply inside of and have an understanding of the this means of such mantras.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)